मस्तिष्क (Brain)
हमारा मस्तिष्क तंत्रिका कोशिकाओं (nerve cell) का बना होता है जिसे न्यूरॉन कोशिका (neurone cell) भी कहते हैं neurone cell शरीर की सबसे लंबी व बड़ी कोशिका होती है इस कोशिका में किसी भी प्रकार का कोई भी कोशिका विभाजन (cell division)नहीं होता इसलिए अगर मस्तिष्क में कोई क्षति पहुंचती है तो वह ठीक नहीं होती क्योंकि यह न्यूरॉन सेल का बना होता है जिसमें सैंटरोसोम (Centrosome) नहीं पाया जाता सैंटरोसोम ही स्वत: ठीक करने की क्षमता रखता है यदि सैंटरोसोम कोशिका का विभाजन ज्यादा कर दे तो कैंसर हो जाता है लेकिन मस्तिष्क में सैंटरोसोम नहीं पाया जाता है फिर भी कैंसर (cancer)हो जाता है इसका कारण यह है कि हमारा मस्तिष्क 90% न्यूरॉन कोशिका का बना होता है जिसमें सैंटरोसोम नहीं पाया जाता है इसलिए इसमें कोई कोशिका विभाजन नहीं होता है लेकिन मस्तिष्क का 10% भाग न्यूरोग्लियल कोशिकाएं (neuroglial cell) का बना होता है जिसमें सेंट्रोसोम पाया जाता है और सेंट्रोसोम की वजह से इसमें कोशिका विभाजन पाया जाता जब कोशिका विभाजन कंट्रोल (control)के बाहर होता है तो मस्तिष्क में कैंसर हो जाता है मस्तिष्क कैंसर की प्रथम अवस्था (first stage) को ब्रेन ट्यूमर (brain tumor)कहते हैं इसी अवस्था में व्यक्ति की जान चली जाती है
मस्तिष्क की संरचना (structure of brain)
मस्तिष्क मुख्यता तीन भागों में विभाजित होता है
(1)अग्र मस्तिष्क (Forebrain)
यह मस्तिष्क का सबसे अग्रभाग होता है जो मुख्यत: तीन भागों में बटा रहता है
(i) प्रमस्तिष्क (Cerebrum)
सेरीब्रम हमारे मस्तिष्क का सबसे बड़ा होता है जो लगभग 60% भाग लेता है जिस प्रमस्तिष्क (cerebrum)के नाम से जानते हैं यह हमारे मस्तिष्क का सबसे महत्वपूर्ण भाग है जो हमारे मेमोरी (memory ) यादाश्त क्षमता जिज्ञासा नई नई चीज को सोचने और सीखने की क्षमता होती है यदि किसी का सेरीब्रम तेज होता है तो उसकी याद करने की क्षमता अधिक होती है और भूलने की क्षमता कम होती है सेरीब्रम हंसने रोने मूत्र त्याग मल त्याग आदि क्रियाओं को नियंत्रण करता है
(ii)थैलेमस (Thalamus)
यह अग्र मस्तिष्क के कुछ भाग के द्वारा घिरा होता है जो हमारे बाहर के वातावरण का आभास कराता है यदि बाहर ठंड होती है तो थैलमस बताता है यदि बाहर गर्मी होती है तो हमें थैलेमस बताता है थैलमस बाहर के वातावरण को नियंत्रित करता है यदि हमें कोई बाहर से पीट रहा है तो थैलमस बताएगा अर्थात बाहर के वातावरण के बारे में हमें बताता है उदाहरण: यदि कोई शराबी शराब पीता है तो उसका थैलेमस काम नहीं करता है और उस समय उसे कितना भी पीटा जाए उसे उस समय आभास नहीं होता है
(iii) हाइपोथैलेमस (Hypothalamus)
हाइपोथैलेमस हमारे शरीर के अंदर होने वाली क्रियाओं का आभास कराता है हमारे शरीर के अंदर का तापमान बढ़ता है तो उसे पसीने से छोड़ देता है हाइपोथैलेमस बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि इससे ही हमारा नेचर और गुण प्रदर्शित होते हैं क्योंकि हाइपोथैलेमस क्रोध को नियंत्रित करता है प्रेम को नियंत्रित करता है यही हमें भूख लगाता है यही हमें प्यास लगाता है पसीना इसी से नियंत्रित होता है यदि शरीर के अंदर कोई भी परिवर्तन होता है तो हाइपोथैलेमस नियंत्रित करता है ताप नियंत्रण इसी के द्वारा होता है
(2) मध्य मस्तिष्क (Midbrain)
मध्य मस्तिष्क दो भागों में बटा होता है
(i) कारपोरा (Carpora)
कारपोरा मस्तिष्क का महत्वपूर्ण भाग होता है जो हम कुछ भी सुनते हैं या देखते हैं उस सूचना को मस्तिष्क तक पहुंचाने का कार्य करता है उदाहरण: यदि हम किसी वस्तु को देखते हैं तो उसका प्रतिबिंब हमारी आंखों पर बन जाता है जिसे कारपोरा के द्वारा सेरीब्रम तक पहुंचा दिया है जिससे हमें उस वस्तु का आभास होता है
(ii) सेरीबेलर पेन्डकिल (Cerebellar peduncle)
सेरीबेलर पेंडेकिल हमारे शरीर के मस्तिष्क और मेरुरज्जु(Spinal Nerve) को आपस में जोड़ देता है मेरुरज्जु पूरे शरीर पर नियंत्रण रखता है
(3) पश्च मस्तिष्क (Hindbrain)
यह मस्तिष्क का सबसे पश्च भाग होता है जो बहुत कमजोर होता है जिससे पैरामिन मैग्नम कहते हैं इस में चोट लगने से मस्तिष्क काम नहीं करता यह मुख्यत: दो प्रकार का होता है
(i) सेरी बेलम(Cerebellum)
यह हमारे शरीर का बैलेंस बनाने का कार्य करता है क्योंकि जब हम चलते हैं तो हमारे शरीर का बैलेंस शेरी बेल्लम के द्वारा नियंत्रित होता है शराब पीने वाले व्यक्ति का शरीर बेलन अच्छे से काम नहीं करता इसलिए उसके शरीर का बैलेंस सेरीब्रम ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाता है
(ii) मैड्डुला ओबल्नगाटा ( Medulla oblongata)
यह हमारे शरीर की उपापचय क्रियाओं को नियंत्रित करता है यह हमारे शरीर की anabolic तथा catabolic क्रियाओं को नियंत्रित करता है और पाचन स्वसन आदि का नियंत्रण करता है
मेरुरज्जु तंत्रिका (Spinal nerves )
मस्तिष्क से 12 जोड़ी नश निकलती है जिन्हें तंत्रिका कहते हैं मेरुरज्जु हमारे ब्रेन से जुड़ा होता है जो ब्रेन से निकलकर नीचे तक फैला रहता है जो हड्डियों के बीच से निकला होता है मेरुरज्जु को दूसरा ब्रेन भी कहते हैं क्योंकि जब ब्रेन व्यस्त होता है तो शरीर का नियंत्रण मेरुरज्जु के द्वारा किया जाता है इसीलिए इससे दूसरा मस्तिष्क भी कहते हैं मेरुरज्जु से 31 जोड़ी नस या तंत्रिका निकलती हैं
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